गुरु नानक देव जी सिख धर्म के सबसे पहले संस्थापक थे गुरु नानक देव जी की जो शिक्षाएं और उनके विचार थे उसी धारक के अंतर्गत सिख धर्म का निर्माण हुआ है गुरु नानक देव जी अपनी शिक्षा का प्रचार करने के लिए दक्षिणी एशिया और मध्य पूर्व में जाकर अपने ज्ञान दर्शाया है गुरु नानक देव जी की शिक्षा को 774 भागों में बांटा गया है और उसे “गुरू ग्रंथ साहिब ” कहते हैं इसके लगभग दो करोड़ से भी अधिक लोग फॉलो करते हैं मतलब 2 करोड़ से भी ज्यादा लोग गुरु नानक देव जी द्वारा दी गई शिक्षा को ही अपना सिद्धांत मानते हैं मतलब वह गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं के आधार पर ही चलते हैं और वह दुनिया को गुरु नानक देव जी जैसी ही देखते हैं गुरु नानक देव जी का यह कहना था कि शिक्षा को बांटना चाहिए इसीलिए वह काफी सारे देशों में गए अपनी शिक्षा का प्रचार कर रहे हैं भारत का सिख धर्म बहुत महत्वपूर्ण है भारत के लिए भारत की आजादी से लेकर भारत की रक्षा करने के लिए सिख धर्म सबसे ज्यादा आगे रहा है चाहे वह भगत सिंह जी को या कोई और देशभक्त।
गुरु नानक देव जीवन परिचय | Guru Nanak Dev ji Biography
गुरु नानक देव जी का जन्म एक हिंदू परिवार में हुआ था गुरु नानक देव जी के पिताजी का नाम मेहता कालू था और उनकी माता जी का नाम माता तृप्ता था गुरु नानक देव जी एक मध्यम वर्ग के परिवार से थे गुरु नानक देव जी ने अपना बचपन अपनी बड़ी बहन के साथ ही बिताया है और उनकी बड़ी बहन का नाम बेबे नानकी था
1475 में गुरु नानक देव जी की बड़ी बहन का विवाह जयराम से हुआ और वह सुल्तानपुर चले गए गुरु नानक देव जी का काफी ज्यादा मन था कि वह कुछ दिन अपनी बहन के साथ बिताना चाहते थे इसीलिए वह भी कुछ दिनों के लिए सुल्तानपुर चले गए फिर वह उधर कुछ काम करने लगे गुरु नानक देव जी हर सुबह उठकर नदी के किनारे चले जाते थे ध्यान लगाने और स्नान करने के लिए गुरु नानक देव जी हर सुबह नदी के किनारे जाते थे पर एक दिन वह है 3 दिनों के लिए घर वापस नहीं आए और ऐसा कहा जाता है कि वह 3 दिन जंगल के अंदर चले गए थे और उन्होंने वहां 3 दिन बिताए जब वह 3 दिन के बाद लौटे तो उनके शिक्षाओं की शुरुआत हुई उनका कहना था कि वह ना हिंदू हैं ना ही मुसलमान और उन्होंने इन्हीं शिक्षाओं के माध्यम से अपना एक नया धर्म बना लिया
गुरु नानक देव जी का जन्म कब हुआ था
गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल, 1469 मे हुआ था
गुरु नानक देव जी का जन्म कहा हुआ था
Place of Birth: Rai Bhoi Ki Talvandi (present day Punjab, Pakistan)
गुरु नानक देव जी का मृत्यु कब हुआ था
गुरु नानक देव जी की मृत्यु 22 सितंबर, 1539 मैं हुई थी
गुरु नानक देव जी का मृत्यु कहा हुआ थी
मृत्यु स्थान: करतारपुर (वर्तमान पाकिस्तान)
गुरु नानक देव जी के पिताजी का नाम क्या था
मेहता कालू
गुरु नानक देव जी के माताजी का नाम क्या था
माता : माता तृप्ता
गुरु नानक देव जी के पत्नी का नाम क्या था
पत्नी: माता सुलखनीक
गुरु नानक देव जी के बच्चो का नाम क्या था
श्री चंद और लखमी दासी
गुरु नानक देव जी के शिक्षकों का कहना था कि हमें अपने ज्ञान और जिंदगी सेवा में लगानी चाहिए गुरु गुरु नानक देव जी का कहना था कि हम भगवान को तभी मान सकते हैं जब हम अपना मन साफ रखें और दूसरे लोगों की सेवा करें इन्हीं शिक्षकों के आधार पर सिख धर्म की स्थापना हुई है इसीलिए आज के समय में भी सिख धर्म हर दिन लंगर और सेवा करता है भारत का गोल्डन टेंपल हर दिन 200000 से भी अधिक लोगों को भोजन के लिए लंगर लगाता है सिख धर्म का मुख्य शिक्षा है कि हमें अपना जीवन सेवा में लगाना चाहिए और हमें शिक्षक को प्रचार करना चाहिए इन्हीं शिक्षाओं के आधार पर गोल्डन टेंपल में आने के लिए 4 दरवाजे हैं और वह हर धर्म के लोगों के लिए है